Tuesday, 20 February 2018

लहरों में डूबते रहे , दरिया नहीं मिला

लहरों में डूबते रहे , दरिया नहीं मिला 
उससे बिछड़ के फ़िर कोई वैसा नहीं मिला 

वो भी बहुत अकेला है , शायद मेरी तरह 
उसका भी कोई चाहने वाला नहीं मिला 

साहिल पे कितने लोग मेरे साथ-साथ थे
तूफ़ान की ज़द में आया , तो तिनका नहीं मिला

दो-चार दिन तो कितने सुकून से गुज़र गए
सब खैरियत रही , कोई अपना नहीं मिला

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