Monday, 22 April 2019

बैन करते हैं

परिंदे छत पे बुलाते हैं बैन करते हैं
मेरी बयाज़ दिखाते हैं बैन करते हैं

इन्हें पता ही नहीं बंद खिड़कियों की सिसक
ये लोग रो नहीं पाते हैं बैन करते हैं

बहार देखने जाता हूँ बाग़ में तो शजर
पुराने ज़ख़्म गिनाते हैं बैन करते हैं

धुआँ धुआँ हैं मकाँ और ये रौशनी के ग़ुलाम
बुझे चराग़ दिखाते हैं बैन करते हैं

मैं किस को बात बताऊँ कि सब मेरे आगे
किसी को बात बताते हैं बैन करते हैं

जनाब-ए-मन मेरे शेरों का एहतराम करें
ये मेरा हाथ बटाते हैं बैन करते हैं


बैन - lamentation
शजर - tree
बयाज़ - notebook
एहतराम - honoring/respecting

A lost hope

Fountains of lament burst through my desires for you.. Stood like the height of a pillar that you were, I could see your moving eyes ...