किसी तरह सँभल नहीं रहा हूँ मैं
कि बह रहा हूँ चल नहीं रहा हूँ मैं
गले लगा ऐ मौसमों के देवता
बदल मुझे बदल नहीं रहा हूँ मैं
ये सुख भी है कि तेरे ताक़चे में हूँ
ये दुख भी है कि जल नहीं रहा हूँ मैं
सवाल पूछने लगे हैं रास्ते
सफ़र पे क्यूँ निकल नहीं रहा हूँ मैं
तुलूअ' हो रहा हूँ दूसरी तरफ़
उदास मत हो ढल नहीं रहा हूँ मैं
- बिस्मिल
कि बह रहा हूँ चल नहीं रहा हूँ मैं
गले लगा ऐ मौसमों के देवता
बदल मुझे बदल नहीं रहा हूँ मैं
ये सुख भी है कि तेरे ताक़चे में हूँ
ये दुख भी है कि जल नहीं रहा हूँ मैं
सवाल पूछने लगे हैं रास्ते
सफ़र पे क्यूँ निकल नहीं रहा हूँ मैं
तुलूअ' हो रहा हूँ दूसरी तरफ़
उदास मत हो ढल नहीं रहा हूँ मैं
- बिस्मिल