बातों - बातों में बात गुज़र गयी
तेरी आँखों में रात गुज़र गयी,
दो कदम तुम्हारे, दो हमारे थे
चलते हुए मुलाकात गुज़र गयी
गीले तकिये ने कर दिया बयाँ
रोते-रोते, बरसात गुज़र गयी
इंसान हो गया हूँ मैं आज से
कल से मेरी जात गुज़र गयी
जिस्म तेरा यूँ ख़ाक जो हुआ
रूह मेरी तेरे साथ गुज़र गयी
तेरी आँखों में रात गुज़र गयी,
दो कदम तुम्हारे, दो हमारे थे
चलते हुए मुलाकात गुज़र गयी
गीले तकिये ने कर दिया बयाँ
रोते-रोते, बरसात गुज़र गयी
इंसान हो गया हूँ मैं आज से
कल से मेरी जात गुज़र गयी
जिस्म तेरा यूँ ख़ाक जो हुआ
रूह मेरी तेरे साथ गुज़र गयी