क्या बताऊं अपने बारे में ... बस इतना समझ लीजिए की पागल हवा का झोंका हूँ .. .. जो मन करता है वही करता हूँ ... बक-बक करने की आदत है सो ब्लॉग लिख कर मन बहलाता हूँ ..... ज़मीन से जुड़ा हूँ .. सो ज़मीन की बातें करता हूँ .. छोटी-छोटी चीज़ो में खुशी ढूँढने की कोशिश करता हूँ ... बॉस मैं ओल्ड फेशन्ड .. थोड़ा सा कन्सर्वेटिव .. दूरदर्शन जेनरेशन का आदमी हूँ .. मिलने की उम्मीद करता हूँ .. बिछड़ने से डरता हूँ .. सपने देखता हूँ .. इससे ज़्यादा मेरे बारे में क्या जानोगे.... !!!!
Tuesday, 29 November 2016
Monday, 28 November 2016
Still Life
When she left me
after lunch, I read
for a while.
But I suddenly wanted
to look again
and I saw the half-eaten
sandwich,
bread,
lettuce and salami,
all carrying the shape
of her bite.
Phir se random
mulakat hui
kuch baat hui
kuch tumne aankho se kaha
kuch hamne aankho se suna
phir humne ghar jake whatsapp pe block kr diya
=================================
pyaar ko pyar hi rehne do....
hath se chuke isse rishto ka ilzaam naa do...
kuch baat hui
kuch tumne aankho se kaha
kuch hamne aankho se suna
phir humne ghar jake whatsapp pe block kr diya
=================================
pyaar ko pyar hi rehne do....
hath se chuke isse rishto ka ilzaam naa do...
Friday, 25 November 2016
Bakar Bakar
Aur itne din baad ?
M achha tu kaisi ?
Haan bs yaha s guzar rhi t
Haan mujhe laga hi tha ki koi manhusiyat mere darwaze pe dastak dene wali h ... aur tum aa gyi😂😂😂
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Tina dabi m athar aamir
Such an adorable couple
fuck them...
Wt
Kuch bhi
pyaar hansil hote hue nahi dekh sakta main.. jab ho tapish suraj ki to pighal jata hoon main
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
Me -Pagal man aur kare bhi to kya
Yahi sab kr sakta h
Sbka man pagal nhi hota
Har pagal man wala kavi nhi hota
Be happy
Me -Jitni kat ni thi kat gayi ye zindagi..
Ab to bas saans bhar baki h...
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
Hum maut ko sapna batakar uth khade ho jaenge.. aur honi to thenga dikhakar khilakhilakar jaenge
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
Kon h y aadmi
Hai ek umeedo ko palko m palta hua insaan
Waqt se ladta hua insaan
Insaan
Oye tu aana fb p
Oye tu aana fb p
Wo jagah hamare liye nahi...
Hone ko to croro ki milkiyat h meri..
Par mere liye do gaz ki zameen hi sahi...
इश्क़ में दिल्ली होना
आज मैं दिल्ली सा फील कर रही हूँ..
हाँ तो मैं भी आज दिल्ली हो जाता हूँ...
तुम क्यूँ होगे दिल्ली से ?
अरे , ये भी कोई बात हुई.. जो तुम फील करो वही तो मैं भी करूँगा ना ? हम तुम कोई अलग थलग थोड़े ही है ? Symbiotic रीलेशन हैं ना अपना? है ना ?
हाँ है तो सही... तो चलो आज मैं हौज़ खास हूँ
ठीक है.. तो मैं भी आई.आई.टी. दिल्ली बन जाता हूँ.. तुम में बसा हुआ सा .. एक अलग जहाँ...
नही इतनी नज़दीकी अच्छी नही..
तुम में होके भी तुम में ना होना .. मेरे ना के होने के जैसा है..
तुम बड़े झक्की किस्म के आदमी हो ? नालयक .. ईडियट कहिके ...
हाँ मेरी ईडियट .. हूँ भी क्यूँ ना ... मैं तुमसा होते जा रहा हूँ ना ? याद है ?
तुम नही मनोगे... चलो तो तुम मुनिर्का बन जाओ..
हाँ , मैं मुनिर्का बन जाता हूँ.. और हम तुम को बँधेगा ये फ्लाइ ओवर .. सदियों की दूरी को मिनटो में मिटाने वाला ये फ्लाइ ओवर..
अब मैं हेप्पी फील कर रही हूँ..
सही है तुम्हारा हिसाब .. पल में तोला पल में माशा..
क्यूँ मैं खुश क्यूँ ना हूँ भला .. तुम्हारी बातें और तुम... दोनो साउत वेस्ट दिल्ली की तरह ... इंदिरा गाँधी एरपोर्ट के विमानो की तरह हवा में उड़ती हुई.. साय साय...
चलो तो अब मैं सैन फ्रॅनसिसको सा फील कर रहा हूँ...
Random si baatein
खुद से की हुई, प्यार में गुँथी हुई दो प्रेमियो की गुफ़्तगू ( मेरे प्रेमी मन की कल्पना .. तुम्हारे लिए ..बा )
काश के सब कुछ ऐसे ही होता जैसे के इसमे
Kash tum mujhsi naa hoti..
Main to tha hi budhhu naa ?..
Ab tum bhi ho rhi ho..
Main tumsa hote jaa rha..
Aur tum mujhsi..
Chalo aaj CP chalte h..
Thoda sa waqt khareed k aate h
Thoda sa mera thoda tumhara..
Bantwara kar lenge..
Paise kon dega ?
Wo to tum doge na ?
Sab chizo ki tarah paiso bhi batwara hoga..
Waqt kewal maine thodi manga hai..
Tumhe bhi to chahiye naa ?
Haan chahiye to !
Tum bahut chalak ho ?
Hun kyu naa ? Ab main tum ho rhi hu naa ?
Fir kya socha tumne hamare bare m ?
Shadi krogi mujhse ?
Naa.. shadi karungi khudse .. pucho kyu ?
Kyu?
Kyunki ab to tum main ho gye ho naa !!!
Aao phir hum dono kahi jake khudse shaadi kr le..
Aur khud ko khud k bandhan m hamesha k liye kaid kr le
तेरा मेरा घर
कि उजला ही उजला शहर होगा जिसमें हम तुम बनाएँगे घर
दोनों रहेंगे कबूतर से जिसमें होगा न बाज़ों का डर
मखमल की नाज़ुक दीवारें भी होंगी, कोनों में बैठी बहारें भी होंगी
खिड़की की चौखट भी रेशम की होगी, चन्दन सी लिपटी हाँ सेहन भी होगी
संदल की खुश्बू भी टपकेगी छत से, फूलों का दरवाज़ा खोलेंगे झट से
डोलेंगे मय की हवा के हाँ झोंके, आँखों को छू लेंगे गर्दन भिगो के
आँगन में बिखरे पड़े होंगे पत्ते, सूखे से नाज़ुक से पीले छिटक के
पाँवों को नंगा जो करके चलेंगे, चरपर की आवाज़ से वो बजेंगे
कोयल कहेगी कि मैं हूँ सहेली, मैना कहेगी नहीं तु अकेली
बत्तख भी चोंचों में हंसती सी होगी, बगुले कहेंगे सुनो अब उठो भी
हम फिर भी होंगे पड़े आँख मूँदें, गलियों की लड़ियाँ दिलों में हाँ गूंधे
भूलेंगे उस पार के उस जहां को, जाती है कोई डगर, जाती है कोई डगर
चाँदी के तारों से रातें बुनेंगे तो चमकीली होगी सहर
उजला ही उजला शहर होगा जिसमें हम तुम बनाएँगे घर
दोनों रहेंगे कबूतर से जिसमें होगा न बाज़ों का डर
आओगे थक कर जो हाँ साथी मेरे, काँधे पे लूँगी टिका साथी मेरे
बोलोगे तुम जो भी हाँ साथी मेरे, मोती सा लूँगी उठा साथी मेरे
पलकों की कोरों पे आए जो आँसू, मैं क्यूँ डरूँगी बता साथी मेरे
ऊँगली तुम्हारी तो पहले से होगी, गालों पे मेरे तो हाँ साथी मेरे
तुम हँस पड़ोगे तो मैं हँस पडूँगी, तुम रो पड़ोगे तो मैं रो पडूँगी
लेकिन मेरी बात इक याद रखना, मुझको हमेशा ही हाँ साथ रखना
जुड़ती जहाँ ये ज़मीं आसमां से, हद हाँ हमारी शुरू हो वहाँ से
तारों को छू लें ज़रा सा संभल के, उस चाँद पर झट से जाएँ फिसल के
बह जाए दोनों हवा से निकल के, सूरज भी देखे हमें और जल के
होगा नहीं हम पे मालूम साथी, तीनों जहां का असर, तीनों जहां का असर
के राहों को राहें बताएँगे साथी हम, ऐसा हाँ होगा सफ़र
उजला ही उजला शहर होगा जिसमें हम तुम बनाएँगे घर
दोनों रहेंगे कबूतर से जिसमें होगा न बाज़ों का डर
दोनों रहेंगे कबूतर से जिसमें होगा न बाज़ों का डर
मखमल की नाज़ुक दीवारें भी होंगी, कोनों में बैठी बहारें भी होंगी
खिड़की की चौखट भी रेशम की होगी, चन्दन सी लिपटी हाँ सेहन भी होगी
संदल की खुश्बू भी टपकेगी छत से, फूलों का दरवाज़ा खोलेंगे झट से
डोलेंगे मय की हवा के हाँ झोंके, आँखों को छू लेंगे गर्दन भिगो के
आँगन में बिखरे पड़े होंगे पत्ते, सूखे से नाज़ुक से पीले छिटक के
पाँवों को नंगा जो करके चलेंगे, चरपर की आवाज़ से वो बजेंगे
कोयल कहेगी कि मैं हूँ सहेली, मैना कहेगी नहीं तु अकेली
बत्तख भी चोंचों में हंसती सी होगी, बगुले कहेंगे सुनो अब उठो भी
हम फिर भी होंगे पड़े आँख मूँदें, गलियों की लड़ियाँ दिलों में हाँ गूंधे
भूलेंगे उस पार के उस जहां को, जाती है कोई डगर, जाती है कोई डगर
चाँदी के तारों से रातें बुनेंगे तो चमकीली होगी सहर
उजला ही उजला शहर होगा जिसमें हम तुम बनाएँगे घर
दोनों रहेंगे कबूतर से जिसमें होगा न बाज़ों का डर
आओगे थक कर जो हाँ साथी मेरे, काँधे पे लूँगी टिका साथी मेरे
बोलोगे तुम जो भी हाँ साथी मेरे, मोती सा लूँगी उठा साथी मेरे
पलकों की कोरों पे आए जो आँसू, मैं क्यूँ डरूँगी बता साथी मेरे
ऊँगली तुम्हारी तो पहले से होगी, गालों पे मेरे तो हाँ साथी मेरे
तुम हँस पड़ोगे तो मैं हँस पडूँगी, तुम रो पड़ोगे तो मैं रो पडूँगी
लेकिन मेरी बात इक याद रखना, मुझको हमेशा ही हाँ साथ रखना
जुड़ती जहाँ ये ज़मीं आसमां से, हद हाँ हमारी शुरू हो वहाँ से
तारों को छू लें ज़रा सा संभल के, उस चाँद पर झट से जाएँ फिसल के
बह जाए दोनों हवा से निकल के, सूरज भी देखे हमें और जल के
होगा नहीं हम पे मालूम साथी, तीनों जहां का असर, तीनों जहां का असर
के राहों को राहें बताएँगे साथी हम, ऐसा हाँ होगा सफ़र
उजला ही उजला शहर होगा जिसमें हम तुम बनाएँगे घर
दोनों रहेंगे कबूतर से जिसमें होगा न बाज़ों का डर
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A lost hope
Fountains of lament burst through my desires for you.. Stood like the height of a pillar that you were, I could see your moving eyes ...
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अगर यकीं नहीं आता तो आजमाए मुझे वो आईना है तो फिर आईना दिखाए मुझे अज़ब चिराग़ हूँ दिन-रात जलता रहता हूँ मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए ...
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Fountains of lament burst through my desires for you.. Stood like the height of a pillar that you were, I could see your moving eyes ...
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परिंदे छत पे बुलाते हैं बैन करते हैं मेरी बयाज़ दिखाते हैं बैन करते हैं इन्हें पता ही नहीं बंद खिड़कियों की सिसक ये लोग रो नहीं पाते है...